बेटी भगवान् की दिया गया एक ऐसा तोहफ़ा हैं जो हर किसी को नहीं मिलता। जैसे बेटा घर का कुलदीपक हैं वैसे बेटी घर की लक्ष्मी होती हैं। जिस घर में बेटियां होती हैं उस घर में अलग ही रौनक रहती हैं। बेटियां अपने पापा की परियां तो मां की राजदुलारी होती हैं, जो कि उनकी अच्छी दोस्त के रुप में उनके साथ खुशियां और सारी दुख-तकलीफ शेयर करती हैं। बेटियां एक साथ कई जिम्मेदारियां संभालने का काम करती है।
वहीं जरूरत पड़े तो वे लड़कों की तरह घर की आर्थिक जरूरतों को भी पूरा करती हैं, लेकिन कहीं न कहीं आज भी बेटियों के प्रति समाज में रुढिवादी सोच हावी हो रही है, कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामले बढ़ रहे हैं, जो कि बेटियों के प्रति तुच्छ मानसिकता को साबित कर रही हैं, लेकिन ऐसा कहना भी गलत नहीं है कि पहले की तुलना में आज बेटियों की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है।
Beti Bachao Beti Padhao Par Nibandh 100 Words
वहीं बेटियों के प्रति सकरात्मक सोच विकसित करने वाले, एवं प्यार बढ़ाने वाले कुछ अच्छे वचनों को आज हम इस आर्टिकल में शेयर कर रहे हैं, जिन्हें आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी शेयर कर सकते हैं और इनके माध्यम से बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदल सकते हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा इसलिए दिया गया क्योंकि भारत में दिन-प्रतिदिन बेटियों की हालात खराब हो रहे हैं उनके साथ उन्हीं के माता पिता भेदभाव कर रहे हैं। वह सोचते हैं कि बेटियां तो पराई होती हैं उनकी कैसे भी जल्दी से शादी करा दो और उनको पढ़ाने-लिखाने का कोई फायदा नहीं है।
इसलिए वे बेटों पर ज्यादा ध्यान देते हैं उनकी अच्छी शिक्षा करवाते हैं और बेटियों को स्कूल में पढ़ने तक नहीं भेजते हैं।
बेटियों के इस बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को बेटियों के हालात सुधारने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को प्रारंभ किया।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य था कि बेटियों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव ना हो और गांव-गांव जाकर इसका प्रचार प्रसार करना था।